प्रेमचंद जी कृत “ग़बन” : स्त्रियों की दुर्दशा का एक मार्मिक चित्रण
“ग़बन” प्रेमचंद जी का एक प्रसिद्ध उपन्यास है। यह उपन्यास 1931 में प्रकाशित किया गया। इस कहानी के माध्यम से उन्होंने एक ओर बताया है कि किस तरह पुरुष अभिमान में आकार अपनी झूठी शान बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, चाहे इसके परिणाम गलत ही क्यों न हो। वहीं दूसरी ओर उन्होंने समाज में स्त्रियों की दुर्दशा का चित्रण किया है कि कैसे घरवाले लड़की की इच्छा जाने बिना उसकी शादी अधिक उम्र के पुरूष से करवा देते हैं। इस लेख में इस उपन्यास के सारांश का लुत्फ़ उठाएँ।